8. बच्चों से न छीने उनका हक़
-एम. सी. मेरीकॉम
इन प्रश्नों के उत्तर पाँच-छह पंक्तियों में लिखिए।
1. देश की माताओं से मेरीकॉम की क्या अपेक्षा है?
ज. देश की माताओं से मेरीकॉम की अपेक्षा है कि वे अपने बच्चों के लिए खेल के मैदान की माँग के लिए अपनी आवाज़ बुलंद करें। देश की हर राज्य सरकार से, नगर की नगरपालिका से माँग करनी चाहिए कि वह हर मोहल्ले के आसपास बच्चों के लिए खेल के मैदान बनाये। मेरीकॉम देश की सभी माताओं से अपील करती हैं कि वे इस अभियान के साथ जुड़ें, ताकि उनके बच्चे अपने बचपन का सही आनंद लेकर उनसे कहें, बैंक यू मॉम, हमें हमारा हक़ दिलाने के लिए।
2.हर बच्चे को खेलने का अधिकार है। इसके लिए हम क्या कर सकते हैं?
ज.बच्चों को खेलने का मौका मिलना चाहिए। यह उनका अधिकार है। छात्र अपनी पाठशाला के प्रशासन से इसकी माँग कर सकते हैं हम खेल को प्रोत्साहित करने व खेल मैदानों के संरक्षण के लिए पोस्टर लगा सकते हैं। इससे लोग खेलों के महत्व के प्रति जागरूक होंगे। हम अपने माता-पिता व अभिभावकों को खेलों के महत्व के बारे में समझाने का प्रयत्न करें ताकि वे हमारे इस अधिकार की रक्षा कर सकें। हम अपने खेल सामग्री भी अन्य बच्चों के साथ बाँटनी चाहिए जिससे खेल भावना का विकास हो।
3.मेरीकॉम कौन है? उनके बारे में बताइए।
ज. मैरीकॉम एक प्रसिद्ध भारतीय बॉक्सिंग खिलाड़ी हैं। उन्होंने ओलंपिक में महिला बॉक्सिंग में सेमी फाइनल तक का सफर तय किया था। मैरीकॉम, पाँच बार की विश्व चैंपियन और ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज हैं।
4.गंदगी के कारण कौनसी बीमारियाँ फैल सकती हैं?
ज. गंदगी के कारण अनेक प्रकार की बीमारियां फैलती हैं। इनमें हैजा, कलरा, डेंग्यू, मलेरिया आदि प्रमुख है। गंदे स्थानों व नालों में मच्छर पैदा होते हैं। इनसे मलेरिया, डेंग्यू आदि बीमारियाँ फैलती हैं। ये बीमारियाँ जानलेवा हो सकती हैं। आजकल गंदगी के कारण अनेक संक्रामक रोग भी फैलते रहते हैं। अतः सफाई पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
5.बच्चों के लिए स्वतंत्र वातावरण का क्या महत्व है?
ज. स्वतंत्र वातावरण में ही बच्चे खेल सकते हैं। यदि बच्चों के खेलने के लिए स्वतंत्र वातावरण नहीं मिलेगा तो उनका सर्वांगीण विकास नहीं हो पाएगा। खेल ही नहीं बच्चों के पढ़ाई के लिए भी स्वतंत्र वातावरण होना चाहिए। भय के माहौल में ज्ञानार्जन करना लाभप्रद नहीं हो सकता। स्वतंत्र माहौल बच्चों को अनुभवों के उपयोग की स्वतंत्रता देता है। इससे अर्जित ज्ञान का विकास होता है।
5.आपको कौनसा खेल पसंद है? क्यों?
ज. मुझे क्रिकेट पसंद है। क्योंकि यह बहुत रोचक है। इससे स्वास्थ्य अच्छा रहता है। इसे हर कोई देखना पसंद करता है। इससे शरीर का व्यायाम हो जाता है। यह सामूहिक खेल होने के कारण इसमें मेलजोल की भावना भी बढ़ती है।
6.. विकसित देशों की तुलना में भारत में खेलों का भविष्य कैसा है? अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
ज. विकसित देशों की तुलना में भारत में खेलों का भविष्य उज्ज्वल है। किंतु इसके लिए अनेक सुविधाओं की आवश्यकता है। भारत की जनसंख्या अधिक है। अतः यहाँ के लोगों को यदि खेलने का अवसर मिले तो बहुत अच्छे खिलाड़ियों के उभरने की संभावना है। राष्ट्रीय खेल संघ, भारतीय ओलंपिक संघ जैसी अनेक सरकारी व गैर सरकारी संस्था भारत में खेल के विकास पर लगी हुई हैं। भारत में अनेक प्रकार के प्राकृतिक प्रदेश हैं, बर्फीले, पहाड़ी, समुद्री आदि। अतः यहाँ ऐसे प्रदेशों से संबंधित खेल जैसे स्केटिंग, वोटिंग, पर्वतारोहण आदि का भी विकास किया जा सकता है। पिछले ओलंपिक में भारत को मिले तीन पदों ने इस बात को सिद्ध कर दिया है कि भविष्य में भारत का खेलों में उज्ज्वल भविष्य है। अतः भारत में खेलों के विकास पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए।
दीर्घ प्रश्न (आठ - दस पंक्तियों में उत्तर लिखिए।)
1.मैरी कॉम ने देश की माताओं से खेल के मैदान के लिए आवाज उठाने को क्यों कहा?
ज. मेरीकॉम ने कहा कि देश की माताओं को खेल के मैदानों के संरक्षण के लिए अपनी आवाज़ बुलंद करनी चाहिए। क्योंकि आजकल शहरों में खेल के मैदान निरंतर सिकुड़ते जा रहे हैं। इस कारण बच्चों को खेलने के लिए जगह ही नहीं बची है। इसका प्रभाव बच्चों के विकास पर पड़ता है। खेल पर प्रत्येक बच्चे का अधिकार है। अपने बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना प्रत्येक माता का कर्तव्य है। अनेक संस्थाएँ इस माँग के लिए प्रयत्न कर रही है। देश की माताओं को भी इनके साथ मिलकर आवाज़ उठानी चाहिए। क्योंकि खेल के बिना उनके बच्चों का सर्वांगीण विकास संभव नहीं है। बच्चे देश का भविष्य हैं। हमें देश के भविष्य को संकट में नहीं डालना चाहिए।
2. महानगरों में बच्चों के खेलने की जगह की कमी क्यों हो गई है?
ज. शहरों में खेल के मैदानों के सिकुड़ने के अनेक कारण हैं। महानगरों में हज़ारों लोग रोज आते हैं। वे रोज़गार करते हुए वहीं बस जाते हैं। इस कारण उन्हें आवास की आवश्यकता पड़ती है। यह नित्य नये कारखाने, कार्यालय स्थापित होते रहते हैं। इसके लिए भी वनों की आवश्यकता होती है। यही कारण है कि शहरों में खेल के मैदानों के स्थानों पर भवन निर्माण होते जा रहे हैं। शहर की ज़मीन भी बहुत अधिक कीमती होती है। सरकार व लोग इसका उपयोग आर्थिक विकास के लिए करना चाहते है। इसलिए शहरों में आज खेल के मैदान सुरक्षित नहीं हैं। सरकार व आम लोग भी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। लोगों को खेल के मैदानों के संरक्षण के लिए जागरूक होना होगा। माताओं को भी इसके लिए
अपनी आवाज बुलंद करनी होगी।
3.'बच्चों से न छीने उनका हक' पाठ का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
ज."बच्चों से न छीने उनका हक नामक संपादकीय की लेखिका सुप्रसिद्ध भारतीय महिला मुक्केबाज के संरक्षण के लिए आवाज़ बुलंद करने का आह्वान किया गया है। मेरीकॉम बताती है कि जब वे ओलंपिक पदक जीत कर भारत लौटी तो पूरे देश में उनका स्वागत किया गया जगह-जगह स्वागत समारोह आयोजित किये गये इस कारण उन्हें दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, कोलकता आदि महानगरों में घूमने का मौका मिला। वहाँ वे ऊँची-ऊँची इमारतें, तंग गलियों, प्रदूषित जलवायु देखकर दंग रह गई। उन्हें बड़ा दुख हुआ कि शहरों ने प्रकृति से अपना नाता तोड़ दिया है। खेल के मैदान शहरों में लगभग समाप्त हो चले हैं। मेरीकॉम ने इसे अत्यंत निराशाजनक माना है। उनका कहना है कि इस सिलसिले को सही इस्तेमाल खेल द्वारा ही होता है। तभी उनका शारीरिक विकास सही ढंग से हो पाता है।
खेलने का मेरीकॉम है। मेरीकॉम, पाँच बार की विश्व चैंपियन और ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज हैं। प्रस्तुत संपादकीय में शहरों में खेल के मैदानों के समाप्त होने पर चिंता व्यक्त की गई है।
साथ ही इन मैदानों रोकना ज़रूरी है। औद्योगिक अथवा शहरी विकास के लिए खेल के मैदानों की बलि देना सही नहीं है। मेरीकॉम भी दो बच्चों की मां है एक मां होने के नाते वे सोचती हैं कि महानगरों के बच्चों को खेलने कूदने का मौक़ा कैसे मिलता होगा। वे प्रकृति से अपना नाता कैसे जोड़ पाते होंगे। ऐसी स्थिति में बच्चों का संपूर्ण विकास संभव नहीं है। मैरी कॉम का कहना है कि बच्चों में जो ढेर सारी ऊर्जा होती है। उसका मौका न मिले तो वे टी.वी. या वीडियो गेम में उलझे रहते हैं। इस कारण मोटापा, आँखों पर चश्मा व तरह तरह की अन्य समस्याएँ सामने आती हैं। खुले में खेलने से बच्चे प्रकृति के साथ जुड़ते हैं।
प्रकृति मानवजाति की सबसे अच्छी शिक्षक रही है।
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