Saaye-10th Class First languge
'साये'
-हिमांशु जोशी
1.नीचे दिये गये गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
लंबे अर्से के बाद एक दिन एक पत्र मिला। बड़ा अरजीब-साहाँ, बहुत बहुत दर्द भरा। नैरोबी के किसी अस्पताल से। लिखा था - रंग-भेद के कारण पहले यूरोपियः लोगों के अस्पताल में जगह नहीं मिली किंतु बाद में कुछ कहने-कहलवाने पर स्थान तो मिल पर इस अनावश्यक विलंब के कारण रोग काबू से बाहर हो गया है। डॉक्टरों ने ऑपरेशन की सलाह दी है किंतु उसमें भी अब सार लगता नहीं। चंद दिनों की मेहमानदारी है....। उसके बाद तुम लोगों का क्या होगा, कुछ सूझता नहीं। पास होते तो.... लेकिन.... भरोसा रखना.. भगवान सबका रखवाला है.... जिसने पैदा किया है, वह परवरिश भी करेगा....।
प्रश्न:1. प्रस्तुत गद्यांश किस पाठ का है?
ज. प्रस्तुत गद्यांश 'साये' कहानी का है।
2. पत्र कहाँ के अस्पताल से आया था ?
ज. पत्र नैरोबी के अस्पताल से आया था ।
3.मरीज़ को पहले नैरोबी के अस्पताल में स्थान क्यों नहीं मिला ?
मरीज़ को पहले नैरोबी के अस्पताल में रंगभेद के कारण स्थान नहीं मिला।
4. पत्र में क्या लिखा था ?
ज.पत्र लिखने वाले को नैरोबी के अस्पताल में पहले स्थान रंगभेद के कारण
5. अस्पताल में देर से दाखिला मिलने का परिणाम क्या हुआ ?
ज. अस्पताल में देर से दाखिला मिलने का परिणाम यह हुआ कि रोग काबू से बाहर हो गया।
2).घर की ओर से पत्र पर पत्र जाते रहे कि अब उसे थोड़ा-सा समय निकालकर कभी घर भी आना चाहिए। बच्चे उसे बहुत याद करते हैं। उसे देखने भर को तरसते हैं। जो-जो हिदायतें चिट्ठियों में लिखी रहती हैं, उनका अक्षरशः पालन करते हैं। माँ को किसी किस्म का कष्ट नहीं देते; कहना मानते हैं; पढ़ने में बहुत मेहनत करते हैं। अज्जू कहता है कि बड़ा होकर वह भी पापा की तरह अफ़्रीका जाएगा। इंजीनियर बनेगा। पापा के साथ खूब काम करेगा। अब वह पूरे बारह साल का हो गया है। छठी कक्षा में सबसे अव्वल आया है। मास्टर जी कहते हैं कि उसेवज़ीफ़ा मिलेगा। उसी से अपनी आगे की पढ़ाई जारी रख सकता है। तनु अब अठारह पार कर रही है। उसका भी ब्याह करना है। कहीं कोई अच्छा-सा लड़का, अपनी जात-बिरादरी का मिलेतो चल सकता है...
प्रश्न:1. बच्चे किनकी हिदायतों का पालन करते हैं ?
ज. बच्चे अपने पिता द्वारा चिट्ठियों में लिखी गई हिदायतों का पालन करते हैं।
2. अज्जू बड़ा होकर कहाँ जाना चाहता है?
ज. अज्जू बड़ा होकर अपने पापा की तरह अफ्रीका जाना चाहता
3. 'अव्वल' शब्द का अर्थ क्या है?
ज. अव्वल शब्द का अर्थ है – प्रथम।
4.तनु नामक लड़की की उम्र क्या है?
ज. तनु नामक लड़की की उम्र अठारह वर्ष है।
5. अज्जू क्या बनना चाहता था?
ज,अज्जू इंजीनियर बनना चाहता था।
3.)उनका अक्षरशः पालन करते हैं। माँ को किसी किस्म का कष्ट नहीं देते; कहना मानते हैं; पढ़ने में बहुत मेहनत करते हैं। अज्जू कहता है कि बड़ा होकर वह भी पापा की तरह अफ़्रीका जाएगा। इंजीनियर बनेगा। पापा के साथ खूब काम करेगा। अब वह पूरे बारह साल का हो गया है। छठी कक्षा में सबसे अव्वल आया है। मास्टर जी कहते हैं कि उसे वजीफा मिलेगा। उसी से अपनी आगे की पढ़ाई जारी रख सकता है। तनु अब अठारह पार कर रही है। उसका भीब्याह करना है। कहीं कोई अच्छा-सा लड़का, अपनी जात-बिरादरी का मिले तो चल सकता
प्रश्न :1. गज्जू बड़ा होकर क्या बनना चाहता था ?
ज. गज्जू बड़ा होकर इंजीनियर बनना चाहता था।
2, अज्जू कितने साल का हो गया है ?
ज. अज्जू बारह साल का हो गया है।
3. अजू किस कक्षा में अव्वल आया है ?
ज. अङ्क छठी कक्षा में अव्वल आया।
4. तनु कितने साल की हो गयी?
ज, तनु अठारह साल की हो गयी।
5. किसका व्याह करना था ?
ज. तनु का व्याह करना था।में
4).वर की तलाश में अधिक भटकने की आवश्यकता न हुई। आसानी से खाता - पीता घर मि गया। शायद इतना अच्छा घराना न मिलता लेकिन इस भरम से कि कन्या का बाप अफ़्रीका मेंसोना बटोर रहा है, सब सहज हो गया। शादी की तिथि निश्चित हो गई। नैरोबी से पत्र आया कि वह समय पर पहुँच रहा है। गहे कपड़े सब बनवाकर वह साथ लाएगा लेकिन शादी के समय वह चाहकर भी पहुँच नहीं पाया विवशताओं से भरा लंबा पत्र आया कि इस बीच जो एक नया कारोबार शुरु किया है, उस मज़दूरों की हड़ताल चल रही है। ऐसे संकट के समय में, यह सब छोड़कर वह कैसे आ सकत है ! हाँ, गहने, कपड़े और रुपये भिजवा दिये हैं। वर - वधू के चित्र उसे अवश्य भेजें, प्रतीक्षा करेगा।
प्रश्न:1. किसकी तलाश करने में भटकना नहीं पड़ा?
ज. वर की तलाश करने में भटकना नहीं पडा।
2. तनु के लिए खाता-पीता घर आसानी से क्योंमिल गया ?
ज. तनु के पिता अफ्रीका में थे इसलिए तनु के लिए खाता पीता घर आसानी से मिलगया।
3. पत्र कहाँ से आया था ?
ज. पत्र नैरोबी से आया था ।
4. किसकी तिथि निश्चित हो गई ?
ज. शादी की तिथि निश्चित हो गई।
5. शादी में कौन चाहकर भी नहीं आ पाया ?
जो. शादी में तनु के पिता चाहकर भी नहीं पहुंच पाये।
5).खैर, ब्याह, हो गया, धूमधाम के साथ। विवाह के सारे चित्र भी भेज दिये। अज्जू ने इस वर्ष कई इनाम जीते। हाई स्कूल की परीक्षा में जिले में सर्वप्रथम रहा। खेलों में भी पहला। बहुत से सर्टिफिकेट मिले, वज़ीफा मिला। इनाम में मिली सारी वस्तुओं के फोटो वे पापा को भेजनान भूले।बदले में कीमती कैमरा आया। गरम सूट का कपड़ा आया। सुंदर घड़ी आयी। और मर्मस्पर्शी लंबा पत्र आया। लिखा था कि वह बच्चों की उम्मीद पर ही जी रहा है।
प्रश्न:1. धूमधाम से क्या हुआ ?
ज. धूमधाम से विवाह हुआ।
2. सर्टिफिकेट व वज़ीफा किसे मिला ?
ज. सर्टिफिकेट व वज़ीफा अज्जू को मिला।
3. अज्जू हाई स्कूल की परीक्षा में क्या आया?
ज. अज्जू हाई स्कूल की परीक्षा में सर्वप्रथम आया।
4. अज्जू के पिता को किसके चित्र भेजे गये?
ज. अज के पिता को विवाह के चित्र भेजे गये।
5. इनाम में मिली सारी वस्तुओं के फोटो उन्होंने किसे भेजा ?
ज. इनाम में मिली सारी वस्तुओं के फोटो उन्होंने अपने पिता को भेजा।
6.)अंत में एक दिन वह भी आ पहुँचा जब अज्जू ने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली। कहीं अच्छीनौकरी की तलाश शुरू हुई। पर पिता के अब भी घर आने की संभावना न दिखी तो उसने लिखा - मम्मी बीमार रहती हैं, बहुत कमजोर हो गई है। एक बार, अंतिम बार देखनाभर चाहती हैं। प्रत्युत्तर में विस्तृत पत्र मिला। इलाज के लिए रुपये भी। परंतु इस बार अज्जू ने ही जाने का कार्यक्रम बना लिया। अकस्मात पहुँचकर पापा को चौंकाने की पूरी - पूरी योजना के साथ। टिकट खरीद लिया। पासपोर्ट, वीज़ा भी सब देखते - देखते बन गया और एक दिन दिल्लीसे वह विमान से रवाना भी हो गया।
प्रश्न :1. किसने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली ?
ज. अज्जू ने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली।
2. पढ़ाई पूरी होने के बाद अब्बू ने किसकी तलाश शुरू की ?
ज. पढ़ाई पूरी होने के बाद अज्जू ने नोकरी की तलाश शुरू की ।
3. अज्जू के पिता के कहाँ आने की संभावना दिखी ?
ज. अज्जू को पिता के घर आने की संभावना न दिखी।
4. विमान कहाँ से रवाना हुआ ?
ज. विमान दिल्ली से रवाना हुआ।
5. कौन बीमार रहती थी ?
ज. अम्मा बीमार रहती थी।
7).नैरोबी के हवाई अड्डे पर उतरकर वह सीधा उसी पते पर गया, जो पत्र में दिया हुआ थापरंतु वहाँ लगा था। हाँ, उसके पिता की पुरानी, धुंधली नेम प्लेट अवश्य लगी थी। आसपास पूछताछ की तो पता चला कि एक वृद्ध भारतीय अप्रवासी अवश्य यहाँ रहते हैं। रात को देर से दफ़तर से घर लौटते हैं। किसी से मिलते - जुलते नहीं। निपट अकेले हैं।वह बाहर बरामदे में रखी बेंच पर बैठा प्रतीक्षा करता रहा। रात को एक बूढ़ा व्यक्ति ताला खोलने लगा तो देखा - एक युवक सामान के सामने बैठाऊँघ रहा है।प्
प्रश्न :1. नैरोबी के हवाई अड्डे पर उतरकर अज्जू कहाँ गया ?
ज. नैरोबी के हवाई अड्डे पर उतरकर अज्जू उसी पते पर गया, जो पत्र में दिया हुआ था।
2. उस पते पर कौन रहता था ?
ज. उस पते पर वृद्ध भारतीय प्रवासी रहते थे ।
3. वृद्ध भारतीय दफ़तर से कब लौटते थे?
ज. वह वृद्ध भारतीय दफ़तर से देर रात को लौटते थे।
4. अंजू कहाँ बैठकर प्रतीक्षा कर रहा था ?
ज. अज्जू बाहर बरामदे में बैठकर प्रतीक्षा कर रहा था
5. रात को घर का ताला कौन खोलने लगा?
ज. रात को घर का ताला एक बूढ़ा व्यक्ति खोलने लगा।
प्रश्न* निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर आठ-दस पंक्तियों में लिखिए।
1)अज्जू के बारे में घर से लिखे गये पत्र में क्या क्या बताया गया?
ज.) घर से लिखे पत्र में अज्जू के बारे में बताया गया कि अज्जू कहता है कि बड़ा होकर वह भी पापा तरह अफ्रीका जाएगा। इंजीनियर बनेगा। पापा के साथ खूब काम करेगा। अब वह पूरे बारह साल हो गया है। छठी कक्षा में सबसे अव्वल आया है। मास्टर जी कहते हैं कि उसे वज़ीफ़ा मिलेगा। उसी अपनी आगे की पढ़ाई जारी रख सकता है। बच्चे उन्हें बहुत याद करते हैं। जो-जो हिदायतें चिट्टि में लिखी रहती हैं, उनका अक्षरशः पालन करते हैं। माँ को किसी किस्म का कष्ट नहीं देते; कहनाहैं; पढ़ने में बहुत मेहनत करते हैं।
2).अज्जू के पिता का मित्र किस स्वभाव का था?
ज.) अज्जू के पिता के मित्र बड़े ही अच्छे स्वभाव के थे। वे बड़े ही ईमानदार थे। वे और अज्जू के पिता जिगरी दोस्त थे। वे बड़े दिनों तक साथ रहे। बिल्कुल सगे भाइयों की तरह अज्जू के पिता ने ही उ हिंदुस्तान से अफ्रीका बुलाया था। बड़ी लगन से सारा काम सिखलाया। उन्होंने साथ-साथ साझे कारोबार शुरू किया। नैरोबी की आज यह एक बहुत अच्छी फ़र्म है। इस प्रकार पता चलता है कि अ 1. अपने पिताजी की प्र का. बचपन से ही अज्जू नेके पिता के गुजरने के बाद भी उन्होंने उसके परिवार की सेवा की। उनके हिस्से की जायदाद वे हमे उन्हें भेजते रहे। वे दुःखी होते इसलिए उन्होंने अज्जू के पिता की मृत्यु की बात छिपाये रखी।
3.)अज्जू अपने पिता से क्यों मिलना चाहता था?
ज.) अज्जू के पिता बचपन में ही नौकरी के लिए अफ्रीका चले गये थे। वह बचपन से ही अपने पिता के लौट की प्रतीक्षा कर रहा था। उसने अपने पिता के केवल पत्र देखे थे, कभी उन्हें नहीं देखा था। जब उस पिता के घर आने की संभावना न दिखी तो वह स्वयं उनके पास जाने को तैयार हो गया। क्योंकि उसकी माँ अब बहुत बीमार रहने लगी थी। वह बहुत कमज़ोर हो गई थी। वह एक बार अपने पति के अंतिम दर्शन करना चाहती थी। उसने सोचा कि पिता उसे देखकर चकित होंगे। उनकी निगाहों में तो अभी वह उतना ही छोटा होगा, जब वह निक्कर पहनकर आँगन में गुल्ली-डंडा खेलता था। वह अपने पिता से मिलने के लिए अत्यंत उत्सुक थे।
4.)अज्जू के विचारों पर अपने अभिप्राय बताइए।
ज.) अज्जू ने बचपन से अपने पिता के बारे में केवल सुना था। वह उनसे कभी नहीं मिला था। वह बचपन से ही केवल अपने पिता की प्रतीक्षा में था। उसने अपने पिता के केवल पत्र देखे थे। इसलिए जब उसे पिता के घर आने की संभावना न दिखी तो वह स्वयं उनके पास जाने को तैयार हो गया। उसकी यह प्रतिक्रिया 194स्वाभाविक ही थी। क्योंकि उसकी माँ अब बहुत बीमार रहने लगी थी। वह एक बार अपने पति के अंतिम्' दर्शन करना चाहती थी। ऐसी स्थिति में एक बेटे की मन की स्थिति व्याकुल ही होगी। इसलिए उसने अपने पिता से मिलने का निर्णय लिया। उसने अपने पिता से मिलने के अनेक सपने देखे थे। वह सोचता था कि पापा उसे देखकर चकित होंगे। उनकी निगाहों में तो अभी वह उतना ही छोटा होगा, जब वह निक्कर पहनकर आंगन में गुल्ली-डंडा खेलता था! इस प्रकार अनुमान लगाया जा सकता है कि एक बच्चा जो अपने पिता से कभी न मिला हो तो वह उनसे मिलने के लिए कितना व्याकुल रहेगा। यहाँ उनअनाथ बच्चों का भी दुःख प्रकट हुआ है जिन पर से माँ-बाप का साया उठ जाता है।
5. इस कहानी के द्वारा हिमांशु जोशी क्या बताना चाहते हैं?
ज. इस कहानी के लेखक हिमांशु जोशी ने बताया कि ईमानदारी इंसान का सबसे बड़ा गुण है। यदि हम किसी की भलाई के लिए झूठ का सहारा लेते हैं, तो उसे पूर्णतः अनुचित नहीं कहा जा सकता। हमें कभी किसी के साथ धोखा नहीं करना चाहिए। जो हम पर उपकार करते हैं, हमें उनका एहसान मानना चाहिए। ईश्वर हमें किसी न किसी माध्यम से सहायता करते हैं। अतः जो हमें सहायता करता है उसकी सहायता करना हमारा कर्तव्य है। लेखक का मानना है कि वर्तमान समाज में जहाँ लोग एक-दूसरे की संपत्ति हड़पने के चक्कर में लगे रहते हैं वहीं ऐसे लोग भी हैं जो दूसरों की संपत्ति की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व त्याग कर देते हैं।
6.अपने पिताजी की प्रतीक्षा में अंजू के क्या विचार रहे होंगे ?
ज. बचपन से ही अज्जू ने केवल अपने पिता के बारे में सुना था । वह उनसे कभी नहीं मिला था। वह बचपन से ही केवल अपने पिता की प्रतीक्षा में था। उसने अपने पिता के केवल पत्र देखे थे। इसलिए जब उसे पिता के घर आने की संभावना न दिखी तो वह स्वयं उनके पास जाने को तैयार हो गया। उसकी यह प्रतिक्रिया स्वाभाविक ही थी। क्योंकि उसकी माँ अब बहुत बीमार रहने लगी थी । वह एक बार अपने पति के अंतिम दर्शन करना चाहती थी। ऐसी स्थिति में एक बेटे की मन की स्थिति व्याकुल ही होगी। इसलिए उसने अपने पिता से मिलने का निर्णय लिया। उसने अपने पिता से मिलने के अनेक सपने देखे थे। वह सोचता था कि पापा उसे देखकर चकित होंगे। उनकी निगाहों में तो अभी वह उतना ही छोटा होगा, जब वह निक्कर पहनकर आंगन में गुल्ली - डंडा खेलता था। इस प्रकार हम अनुमान लगा सकते है कि एक बच्चा जो अपने पिता से कभी न मिला हो वह उनसे मिलने के लिए कितना आतुर होगा। कभी - कभी उसके मन में अपने पिता के प्रति क्रोध भी आता होगा कि इतने दिनों से उसके पिता उससे मिलने क्यों नहीं आये।
7.अज्जू के पिता के मित्र एक महान दोस्त थे। 'साये' कहानी के आधार पर सिद्ध कीजिए।
ज.) अज्जू के पिता के मित्र ने अपनी मित्रता अपने मित्र के मरने के बाद भी निभाई। वे बड़े ही अच्छे स्वभाव के थे। वे बड़े ही ईमानदार थे। उन्होंने बताया कि वे और अज्जू के पिता बहुत जिगरी दोस्त थे। ये बड़े दिनों लगन साथ रहे बिलकुल सगे भाइयों की तरह। अज्जू के पिता ने ही उन्हें हिंदुस्तान से अफ़्रीका बुलाया था। बड़ी लगन से सारा काम सिख लाया। उन्होंने साथ - साथ साझे में हमने यह कारोबार शुरु किया। नैरोबी की आज यह एक बहुत अच्छी फिल्म है। इस प्रकार पता चलता है कि अज्जू के पिता के गुज़रने के बाद भी उन्होंने उसके परिवार की सेवा की। उनके हिस्से की जायदाद वे हमेशा उन्हें भेजते रहे । वे दुःखी होते इस कारण उन्होंने कभी अज्जू के पिता की मृत्यु के बारे में नहीं बताया। इससे सिद्ध होता है अज्जू के पिता के पुत्र एक महान दोस्त थे।
8).'साये' कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?
ज.) "साये' कहानी में उन्होंने ईमानदारी का महत्व दर्शाया है। वर्तमान समाज में ईमानदारी की कमीजा रही है। किंतु ईमानदारी इंसान का सबसे बड़ा गुण है। यदि हम किसी की भलाई के लिए झून सहारा भी लेते हैं या उससे कुछ छिपाते हैं तो भी वह उचित है। हमें कभी किसी के साथ धोखा करना चाहिए। जो हम पर उपकार करते हैं, हमें उनका एहसान मानना चाहिए। ईश्वर हमें कि किसी न किसी माध्यम से सहायता करते हैं। अतः जो हमें सहायता करता है उसकी सहायता का हमारा कर्तव्य है। लेखक बताना चाहते है कि वर्तमान समाज में जहाँ लोग एक - दूसरे की संपति हैं। के चक्कर में लगे रहते हैं वहीं ऐसे लोग भी हैं जो दूसरों की संपत्ति की रक्षा के लिए अपना सर्वस्वन कर देते हैं। अतः इस कहानी से सीख मिलती है कि हमें ईमानदार बनना चाहिए। कभी किसी धोखा नहीं करना चाहिए।
9.)अजू अपने पिता से मिलने के लिए क्यों आतुर था?
ज.)अज्जू अपने पिता से मिलने के लिए आतुर था क्योंकि बहुत दिनों तक वह अपने पिता से नहीं मिला वह बचपन से ही केवल अपने पिता की प्रतीक्षा में था। उसने अपने पिता के केवल पत्र देखे थे। जब पिता के घर आने की संभावना न दिखी तो वह स्वयं उनके पास जाने को तैयार हो गया। क्योंकि उल माँ अब बहुत बीमार रहने लगी थी। वह बहुत कमज़ोर हो गई थी। वह एक बार अपने पति के अंति क करना चाहिती थी। उसने सोचा कि पापा उसे देखकर होंगे। उनकी निगाहों में तो अभी वह उतना छोटा होगा, जब वह निक्कर पहनकर आंगन में गुल्ली - डंडा खेलता था ! इन सब कारणों से अच्जूपिता से मिलना चाहता था।
अज्जू के पिता कहां के अस्पताल में भर्ती थे
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